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समर्थ योजना (हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र में महिलाओं के लिए) | Samarth Yojana in Hindi [2025]

समर्थ योजना भारत की सांस्कृतिक विरासत सदियों पुरानी और अत्यंत समृद्ध रही है, जिसमें हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ये न केवल हमारी कला, परंपरा और स्थानीय पहचान के प्रतीक हैं, बल्कि लाखों लोगों—विशेषकर महिलाओं के लिए रोज़गार और जीविका का भी प्रमुख स्रोत हैं। ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में बड़ी संख्या में महिलाएं इन पारंपरिक शिल्पों से जुड़ी हुई हैं, लेकिन उन्हें अक्सर तकनीकी ज्ञान, आधुनिक डिज़ाइन, मार्केटिंग स्किल्स, और बाजार तक सीधी पहुंच की कमी के कारण अपने कार्य का उचित मूल्य नहीं मिल पाता।

समर्थ योजना वस्त्र मंत्रालय (Ministry of Textiles) द्वारा चलाई जा रही एक कौशल विकास योजना है, जिसके अंतर्गत हथकरघा, हस्तशिल्प, परिधान और वस्त्र उद्योग से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं। इस योजना का विशेष फोकस महिलाओं और युवतियों को आधुनिक तकनीकों, डिज़ाइन और विपणन के क्षेत्र में दक्ष बनाना है।

समर्थ योजना - मुख्य उद्देश्य

समर्थ योजना का मूल उद्देश्य महिला कारीगरों और बुनकरों को प्रशिक्षित कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे अपने पारंपरिक कौशल को आधुनिक बाज़ार से जोड़कर आत्मनिर्भर बन सकें।”

  • महिलाओं को तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना

  • स्थानीय कारीगरों और बुनकरों को बाज़ार से जोड़ना

  • महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता की ओर प्रेरित करना

  • ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर बढ़ाना

हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग को आधुनिक बनाना

प्रशिक्षण में शामिल विषय

समर्थ योजना के अंतर्गत महिलाओं को व्यावसायिक दक्षता बढ़ाने के लिए व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें पारंपरिक शिल्पकला के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों और मार्केटिंग की जानकारी भी शामिल होती है

  • पारंपरिक हथकरघा व हस्तशिल्प डिज़ाइन

  • टेक्सटाइल प्रिंटिंग और प्रोसेसिंग

  • फैशन डिज़ाइनिंग और गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग

  • पैकिंग, ब्रांडिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग

  • वित्तीय साक्षरता और बैंकिंग सेवाएं

कैसे करें आवेदन?

समर्थ योजना का लाभ उठाने के इच्छुक महिला कारीगर और बुनकर आसानी से निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध है।

  1. www.samarth-textiles.gov.in पर जाएं

  2. “Beneficiary Registration” सेक्शन पर क्लिक करें

  3. मांगी गई जानकारी भरें – नाम, पता, कौशल क्षेत्र, आदि

  4. दस्तावेज़ अपलोड करें – आधार कार्ड, फोटो आदि

  5. फॉर्म सबमिट करें और आवेदन की पुष्टि प्राप्त करें

समर्थ योजना का प्रभाव (Impact of Samarth Yojana )

1. हज़ारों महिलाओं को रोज़गार और आत्मनिर्भरता मिली:
समर्थ योजना के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों में हज़ारों महिला कारीगरों को व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोज़गार के अवसर मिले हैं। ये महिलाएं अब न केवल अपने पारंपरिक कौशल का इस्तेमाल कर रही हैं, बल्कि स्थायी आय भी अर्जित कर रही हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास और परिवार की सामाजिक स्थिति में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

2. परंपरागत शिल्पों को बाजार से जोड़ने में मदद:
इस योजना ने लंबे समय से उपेक्षित स्थानीय शिल्प, जैसे– चन्देरी, बनारसी, कांचीपुरम, कांथा, फड़ चित्रकला, मधुबनी, और अन्य हस्तनिर्मित उत्पादों को बाजार तक पहुँचाने का माध्यम प्रदान किया है। इससे न केवल महिला कारीगरों की आमदनी बढ़ी है, बल्कि भारतीय पारंपरिक कला को भी नया जीवन मिला है

3. महिलाएं अपने उत्पादों को खुद ब्रांड और प्रमोट कर पा रही हैं:
समर्थ योजना में शामिल महिलाओं को ब्रांडिंग, पैकेजिंग और डिजिटल मार्केटिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया है। इससे अब वे अपने उत्पादों को स्वयं ब्रांडिंग कर रही हैं, ई-कॉमर्स वेबसाइटों और सोशल मीडिया के ज़रिए प्रमोट कर सीधे ग्राहकों तक बेच रही हैं। यह परिवर्तन उन्हें उद्यमिता की ओर अग्रसर कर रहा है।

4. ग्रामीण और सीमांत क्षेत्रों की महिलाएं भी डिजिटल स्किल्स सीख रही हैं:
जो महिलाएं पहले मोबाइल या इंटरनेट का उपयोग नहीं कर पाती थीं, वे अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, ऑर्डर प्रोसेसिंग, डिजिटल पेमेंट, और सोशल मीडिया हैंडलिंग जैसे स्किल्स सीखकर आधुनिक व्यापार प्रणाली में भाग ले रही हैं। इससे ना केवल उनका टेक्नोलॉजिकल सशक्तिकरण हुआ है, बल्कि वे ग्लोबल कंज़्यूमर मार्केट का हिस्सा भी बन रही |

समर्थ योजना न केवल एक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम है, बल्कि यह भारत की महिला कारीगरों और बुनकरों के भविष्य को रोशन करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। यदि इस योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए तो यह महिलाओं को सृजनात्मक शक्ति से आर्थिक शक्ति में बदलने का माध्यम बन सकती है।

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