आज के दौर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक गंभीर समस्या बनी हुई है — चाहे वह घरेलू हिंसा हो, यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना, या सार्वजनिक जगहों पर छेड़छाड़। ऐसे में पीड़ित महिलाओं को अक्सर अलग-अलग जगहों पर मदद के लिए जाना पड़ता है — कभी पुलिस स्टेशन, कभी अस्पताल, कभी अदालत।
इसी समस्या को हल करने के लिए सरकार ने एक क्रांतिकारी पहल की — वन स्टॉप सेंटर योजना
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Toggleवन स्टॉप सेंटर योजना योजना का उद्देश्य
वन स्टॉप सेंटर योजना का उद्देश्य है — महिलाओं के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना की स्थिति में पीड़िता को एक ही जगह पर पुलिस, मेडिकल, कानूनी, मानसिक और अस्थायी आवास जैसी सभी ज़रूरी सेवाएं उपलब्ध कराना।
यह योजना विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए है जो किसी प्रकार की हिंसा का शिकार हुई हैं — चाहे वह घरेलू, सार्वजनिक, कार्यस्थल, ऑनलाइन या मानसिक हिंसा हो।
कहां-कहां स्थापित हैं वन स्टॉप सेंटर?
वन स्टॉप सेंटर (OSC) देश के हर ज़िले में स्थापित किए जा रहे हैं।
2025 तक देश के लगभग 738 जिलों में 700+ OSCs सक्रिय हैं।
ये सेंटर आमतौर पर जिला मुख्यालय, अस्पताल परिसर या कलेक्टर ऑफिस के पास स्थित होते हैं ताकि जरूरतमंद महिलाओं को तुरंत सहायता मिल सके।
वन स्टॉप सेंटर योजना की मुख्य सेवाएं
वन स्टॉप सेंटर एक ऐसा केंद्र है जहां पर महिला को सभी सेवाएं “एक छत के नीचे” मिलती हैं। इसमें शामिल हैं:
1. पुलिस सहायता
OSC में महिला को FIR दर्ज कराने और पुलिस से संपर्क में मदद मिलती है। यदि मामला गंभीर है तो OSC सीधे पुलिस को बुलाकर कार्रवाई शुरू करवा सकता है।
2. कानूनी परामर्श
OSC में लीगल काउंसलर होते हैं जो महिला को उसके अधिकार, कानूनी प्रक्रिया, और केस से जुड़े विकल्प समझाते हैं। यदि आवश्यक हो, तो मुफ्त वकील भी उपलब्ध कराया जाता है।
3. मेडिकल सहायता
आवश्यक होने पर पीड़िता को सरकारी अस्पताल में तुरंत मेडिकल जांच और इलाज दिलवाया जाता है। रेप या गंभीर शारीरिक चोटों की स्थिति में प्राथमिकता दी जाती है।
4. मानसिक काउंसलिंग (Psychosocial Support)
हिंसा की शिकार महिला के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से मज़बूत होना जरूरी है। OSC में प्रशिक्षित काउंसलर महिला की काउंसलिंग करते हैं ताकि वह आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सके।
5. आश्रय सुविधा (Temporary Shelter)
जरूरत पड़ने पर महिला को सेंटर में 3–5 दिन तक ठहरने की सुविधा मिलती है, और आगे उसे महिला हॉस्टल या सरकारी आश्रय गृह से जोड़ा जाता है।
6. केस फॉलो-अप
OSC सिर्फ तुरंत सहायता ही नहीं देता, बल्कि केस की प्रगति पर नज़र भी रखता है और जरूरत के हिसाब से आगे की मदद करता है।
किन महिलाओं को मिलता है लाभ?
- 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र की कोई भी महिला
- घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, रेप, दहेज प्रताड़ना, बाल विवाह या साइबर क्राइम की पीड़िता
- यदि महिला मानसिक रूप से असमर्थ है, तो उसके परिवार की ओर से भी शिकायत दर्ज की जा सकती है
वन स्टॉप सेंटर योजना का संचालन कौन करता है?
वन स्टॉप सेंटर योजना का संचालन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) द्वारा किया जाता है।
राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन OSC की निगरानी, स्टाफ नियुक्ति और संचालन की ज़िम्मेदारी निभाते हैं।
कैसे करें संपर्क या शिकायत दर्ज?
- महिला हेल्पलाइन नंबर: 181
- OSC में जाकर सीधे सहायता मांग सकते हैं
- पुलिस स्टेशन या अस्पताल से OSC रेफर कर सकते हैं
- राज्य की वेबसाइट या महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की साइट पर OSC की जानकारी उपलब्ध होती है
वन स्टॉप सेंटर योजना (OSC) महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। यह योजना यह दिखाती है कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर गंभीर है। जब कोई महिला संकट में होती है, तो उसे इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं — OSC है उसकी मदद के लिए, हर समय, हर कदम पर।