भारत में महिला उद्यमिता एक नया युग लिख रही है। देश में 1.57 करोड़ से अधिक महिला-स्वामित्व वाले उद्यम हैं, और आने वाले वर्षों में इस संख्या में 90% तक की वृद्धि का अनुमान है। महिलाएं आज स्टार्टअप से लेकर छोटे व्यवसायों तक, हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। हालांकि, उन्हें अब भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है — जैसे पूंजी की कमी, प्रशिक्षण की अनुपलब्धता और सामाजिक पूर्वाग्रह।
इन्हीं कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार और विभिन्न बैंक मिलकर महिला उद्यमियों के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं, जिनका लाभ लेकर महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
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Toggleमहिला उद्यमिता योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और उद्यमशीलता की संस्कृति को ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों तक फैलाना है।
महिला उद्यमियों के लिए प्रमुख
सरकारी ऋण योजनाएं
1️⃣ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)
- ₹10 लाख तक बिना गारंटी के ऋण
- महिलाओं को प्राथमिकता
- कम ब्याज दर
- तीन श्रेणियां: शिशु, किशोर, तरुण
2️⃣ स्टैंड-अप इंडिया योजना
- ₹10 लाख से ₹1 करोड़ तक का ऋण
- ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के लिए
- प्रत्येक बैंक शाखा से कम से कम 1 महिला को ऋण
- कम से कम 51% महिला स्वामित्व अनिवार्य
3️⃣ महिला कॉयर योजना
- कॉयर कताई व प्रसंस्करण के लिए प्रशिक्षण
- उपकरण लागत का 75% सब्सिडी
- 25% मार्जिन मनी सब्सिडी
- ग्रामीण महिला कारीगरों के लिए
4️⃣ सीजीटीएमएसई (क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट)
- ₹200 लाख तक का ऋण
- कोई जमानत नहीं
- महिला उद्यमियों को 85% तक गारंटी कवर
- नए और मौजूदा व्यवसाय दोनों पात्र
5️⃣ प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)
- ₹25 लाख तक निर्माण इकाई हेतु
- ₹10 लाख सेवा क्षेत्र हेतु
- मार्जिन मनी सब्सिडी: 15-35%
- न्यूनतम शिक्षा: 8वीं पास
6️⃣ उद्यम शक्ति पोर्टल
- महिलाओं के लिए बिजनेस मार्गदर्शन
- ऑनलाइन प्रशिक्षण, मेंटरशिप
- इन्क्यूबेशन और बाजार रिसर्च सहायता
- घर से व्यवसाय शुरू करने में मददगार
7️⃣ TREAD योजना (व्यापार-संबंधित उद्यमिता सहायता)
- NGOs के माध्यम से 30% अनुदान
- 70% ऋण ऋणदाता संस्था द्वारा
- प्रशिक्षण और विकास सहायता
- ग्रामीण और अशिक्षित महिलाओं के लिए उपयुक्त
महिला उद्यमियों के सामने प्रमुख चुनौतियाँ
1. सीमित वित्तीय पहुंच
2022 की रिपोर्ट के अनुसार, 90% महिला उद्यमियों ने कभी औपचारिक ऋण नहीं लिया।
2. नेटवर्किंग की कमी
49% महिलाओं को पेशेवर नेटवर्क और मार्गदर्शन की कमी महसूस होती है।
3. पारिवारिक जिम्मेदारियां
घरेलू और व्यवसायिक जिम्मेदारियों में संतुलन कठिन होता है।
4. प्रशिक्षण और शिक्षा की कमी
44% महिला व्यवसायियों ने कहा कि उन्हें व्यवसाय बढ़ाने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं मिला।
एक महिला व्यवसाय ऋण के लिए कैसे आवेदन करें?
- निकटतम बैंक शाखा या योजना पोर्टल पर जाएं
- आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें (आधार कार्ड, आय प्रमाण, बिजनेस प्लान आदि)
- आवेदन फॉर्म भरें और प्रक्रिया शुरू करें
- बैंक की मंज़ूरी के बाद ऋण स्वीकृत किया जाएगा
भारत में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अनेक प्रभावशाली योजनाएं शुरू की हैं, जो महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सक्षम बनाती हैं, बल्कि उन्हें समाज में आत्मनिर्भरता और सम्मान की ओर भी ले जाती हैं। चाहे वह मुद्रा योजना हो, स्टैंड-अप इंडिया या महिला कॉयर योजना — इनका उद्देश्य एक ही है: महिलाओं को उनके सपनों को पूरा करने का मंच देना।
आज की महिला सिर्फ घर तक सीमित नहीं है, वह व्यवसाय, स्टार्टअप और नवाचार की दिशा में भी अग्रसर है। यदि आप भी महिला उद्यमिता की राह पर कदम रखना चाहती हैं, तो इन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपने भविष्य को उज्जवल बना सकती हैं। यही समय है आगे बढ़ने का — “सशक्त महिला, सशक्त भारत” की दिशा में।