गर्भावस्था महिलाओं के जीवन का एक बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण समय होता है। इस दौरान उन्हें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
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Toggleप्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना क्या है?
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को ₹5,000 तक की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। यह लाभ पहले जीवित बच्चे के जन्म पर दिया जाता है, ताकि गर्भवती महिला को उचित पोषण और चिकित्सा देखभाल मिल सके।
इस योजना को पहली बार वर्ष 2017 में शुरू किया गया था और 2022 में इसे और प्रभावी बनाने के लिए पुनः डिज़ाइन किया गया। यह योजना कामकाजी और गैर-कामकाजी दोनों वर्ग की महिलाओं के लिए सहायक है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य
- गर्भवती महिलाओं को पोषण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना
- मातृत्व के कारण आय में हुई कमी की आंशिक भरपाई करना
- शिशु के जन्म पूर्व और बाद की देखभाल में मदद करना
- संस्थागत प्रसव (Hospital Delivery) को बढ़ावा देना
- नवजात शिशु को स्तनपान के लिए प्रोत्साहित करना
गर्भावस्था में पोषण की ज़रूरत
गर्भवती महिला को प्रतिदिन 200 कैलोरी अतिरिक्त और अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, ताकि उसका शरीर और गर्भस्थ शिशु दोनों स्वस्थ रह सकें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, बच्चे को जन्म के पहले छह महीने तक केवल स्तनपान ही दिया जाना चाहिए, जिसके लिए माँ का स्वस्थ और पोषण युक्त होना अत्यंत आवश्यक है।
PMMVY योजना इस पोषण संबंधी ज़रूरत को आर्थिक सहायता देकर पूरा करने में मदद करती है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभ
- ₹5,000 की वित्तीय सहायता — तीन किश्तों में है |
- महिला को अपने और गर्भस्थ शिशु की देखभाल के लिए मदद मिलेगी |
- जन्म के बाद शिशु को पर्याप्त पोषण देने में सहायता |
- पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ती है |
- सरकारी अस्पतालों में पंजीकरण और देखभाल के लिए प्रोत्साहन मिलेगी |
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भुगतान की प्रक्रिया
- योजना के तहत कुल ₹5,000 की राशि तीन किश्त में दी जाती है:
- पहली किश्त (₹1,000): गर्भावस्था की पुष्टि और पंजीकरण के बाद
- दूसरी किश्त (₹2,000): गर्भावस्था के 6 महीने पूरे होने पर मिलेगी |
- तीसरी किश्त (₹2,000): बच्चे के जन्म होने के बाद , सभी आवश्यक टीकाकरण के बाद मिलेगी |
- नोट: कुछ राज्यों में यह राशि अलग भी हो सकती है यदि राज्य की अपनी योजना भी चल रही हो।
योजना का असर
- लाखों महिलाओं को अब तक आर्थिक लाभ मिल चुका है
- मातृ मृत्यु दर (MMR) में गिरावट दर्ज की गई है
- संस्थागत प्रसव में वृद्धि हुई है
- बच्चों का टीकाकरण और स्तनपान दर में सुधार हुआ है
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) देश की माताओं के लिए एक सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बेहतर पोषण और स्वास्थ्य देखभाल का अवसर भी देती है। इससे मातृत्व के समय माँ और शिशु दोनों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार आता है।
यदि आप या आपके परिवार की कोई सदस्य इस योजना के पात्र हैं, तो इसका लाभ ज़रूर उठाएं — क्योंकि एक स्वस्थ माँ ही एक स्वस्थ समाज की नींव रखती है।
आवेदन प्रक्रिया
- नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या सरकारी अस्पताल में जाकर फॉर्म भरें और योजना का लैब उठयें |
- आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें (नीचे सूची देखें) सरे दस्तावीज़ों को ध्यान से पढ़ें |
- पंजीकरण के बाद आवेदन की स्थिति की जानकारी SMS के माध्यम से मिलती है
- पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर होता है
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)
यह योजना न केवल माँ के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि नवजात शिशु के विकास और सुरक्षा में भी बड़ी भूमिका निभाती है। अगर आप या आपके आसपास कोई महिला गर्भवती है, तो उसे इस योजना के बारे में जरूर बताएं — क्योंकि एक स्वस्थ माँ ही एक स्वस्थ पीढ़ी की जननी होती है।
1. गर्भावस्था की पुष्टि पर ₹1,000
2. 6 महीने पूरे होने पर ₹2,000
3. बच्चे के प्रथम टीकाकरण (BCG, OPV, DPT) के बाद ₹2,000
– आधार कार्ड
– बैंक खाता विवरण
– MCP कार्ड
– बच्चे का टीकाकरण प्रमाण पत्र
– पहचान पत्र (जैसे वोटर आईडी, राशन कार्ड)