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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY): हर गांव तक पक्की सड़क का वादा

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) भारत सरकार की एक ऐतिहासिक और प्रभावशाली योजना है, जिसकी शुरुआत 25 दिसंबर 2000 को की गई थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर सड़कों के माध्यम से शहरों से जोड़ना है, ताकि गांवों में रहने वाले लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बाजार की सुविधाएं आसानी से मिल सकें।

इस योजना का मूल उद्देश्य है:

  • ग्रामीण क्षेत्रों को ऑल-वेदर (हर मौसम में चलने लायक) पक्की सड़कों से जोड़ना

  • विकासशील गांवों को शहरी केंद्रों से जोड़ना

  • कृषि और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देना

  • ग्रामीण जीवन स्तर को सुधारना

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की विशेषताएं

  • इस योजना के अंतर्गत 500 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों (पहाड़ी/जनजातीय क्षेत्र में 250) को प्राथमिकता दी जाती है।

  • योजना को केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर लागू करती हैं।

  • इसमें 100% केंद्रीय वित्तपोषण पहले चरण में होता था, अब कुछ हिस्सेदारी राज्यों की भी है।

  • योजना के अंतर्गत बनी सड़कें पक्की, टिकाऊ और इंजीनियरिंग आधारित डिजाइन पर आधारित होती हैं।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के चरण

🟢 PMGSY Phase-I
  • शुरुआत: वर्ष 2000

  • लक्ष्य: 1.78 लाख बस्तियों को जोड़ना और 3.75 लाख किमी सड़क निर्माण

🟢 PMGSY Phase-II (2013)
  • पहले से जुड़ी सड़कों को अपग्रेड करना

  • जिला मुख्यालयों तक कनेक्टिविटी मजबूत करना

🟢 PMGSY Phase-III (2019)
  • ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्च माध्यमिक स्कूलों और अस्पतालों को जोड़ना

  • 1.25 लाख किमी से अधिक सड़क नेटवर्क अपग्रेड किया जाना

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की अब तक की उपलब्धियाँ (2025 तक)

मापदंड उपलब्धि
जुड़ी हुई बस्तियाँ 1.8 लाख से अधिक
निर्मित सड़कें 7 लाख किमी से अधिक
लाभान्वित ग्रामीण 30 करोड़ से ज्यादा
कुल खर्च ₹3 लाख करोड़ से अधिक

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के लाभ

  • कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुँचाना आसान

  • ग्रामीण रोजगार और व्यापार में वृद्धि

  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुँच

  • महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा में सुधार

  • आपातकालीन सेवाओं जैसे एंबुलेंस, पुलिस की त्वरित पहुँच

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) में नवीन तकनीकों का उपयोग

  • Geo-tagging और GPS आधारित निगरानी

  • Meri Sadak मोबाइल ऐप के माध्यम से आम जनता फीडबैक दे सकती है

  • Green Technology का उपयोग जैसे कोल्ड मिक्स, प्लास्टिक सड़कें आदि

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जीवन रेखा जैसी साबित हुई है। इसने न केवल गांवों को शहरों से जोड़ा है, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक विकास को नई रफ्तार दी है। यह योजना “सशक्त भारत – आत्मनिर्भर गांव” की दिशा में एक मजबूत कदम है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) FAQs

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) क्या है?
A: यह भारत सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को हर मौसम में चलने लायक पक्की सड़कों से जोड़ना है।
Q2: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की शुरुआत कब हुई थी?
A: इस योजना की शुरुआत 25 दिसंबर 2000 को की गई थी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में।
Q3: किन गांवों को इस योजना के तहत प्राथमिकता दी जाती है?
A: 500 से अधिक जनसंख्या वाले गांव (जनजातीय क्षेत्रों में 250 से अधिक) को प्राथमिकता दी जाती है।
Q4: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) का मुख्य लाभ क्या है?
A: यह योजना ग्रामीणों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बाज़ार जैसी सुविधाओं तक बेहतर पहुँच देती है।
Q5: क्या राज्य सरकारें भी इस योजना में सहयोग करती हैं?
A: हां, पहले चरण में केंद्र सरकार द्वारा 100% वित्तपोषण किया गया था, लेकिन अब राज्य सरकारें भी कुछ हिस्सेदारी करती हैं।
Q6: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की निगरानी कैसे होती है?
A: योजना की निगरानी GPS, Geo-tagging और ‘Meri Sadak’ मोबाइल ऐप के माध्यम से की जाती है।
Q7: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) में कितनी सड़कें बन चुकी हैं?
A: 2025 तक 7 लाख किमी से अधिक सड़कें बनाई जा चुकी हैं, जिससे 1.8 लाख से अधिक गांव जुड़ चुके हैं।

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