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क्रेच योजना 2025: कामकाजी महिलाओं को अब नहीं होगी बच्चों की चिंता

आज का भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है — हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी भूमिका निभा रही हैं। वे डॉक्टर बन रही हैं, इंजीनियर, पुलिस ऑफिसर, बिज़नेस वूमेन और शिक्षिका भी। लेकिन जब बात छोटे बच्चों की परवरिश की आती है, तो वही महिलाएं जो ऑफिस में निर्णय ले रही होती हैं, घर पर माँ बनकर बच्चों की देखभाल की दोहरी ज़िम्मेदारी उठाती हैं।

कई महिलाएं सिर्फ इसलिए करियर में ब्रेक ले लेती हैं क्योंकि उन्हें बच्चों को अकेला छोड़ने का डर सताता है। खासकर 6 साल से कम उम्र के बच्चों की देखभाल एक संवेदनशील और पूरी तरह समर्पित जिम्मेदारी होती है। ऐसे में कामकाजी महिलाओं के लिए यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि वे माँ बनें या प्रोफेशनल।

सरकार की पहल — क्रेच योजना

इसी सामाजिक और व्यावसायिक चुनौती को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने 2024-25 के केंद्रीय बजट में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक घोषणा की — क्रेच योजना
इस योजना के अंतर्गत, सरकार निजी क्षेत्र (Private Sector) के साथ मिलकर देशभर में कार्यस्थलों के पास क्रेच (Day Care Centres) स्थापित करेगी।

  • इन क्रेचों में बच्चों को मिलेगा:
  • प्यार भरा सुरक्षित वातावरण

  • पौष्टिक आहार

  • शिक्षित और प्रशिक्षित देखभालकर्ता

  • खेल और शिक्षा का संतुलन

 उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है:

“महिलाओं को बिना किसी चिंता के काम करने का अवसर देना, और उनके बच्चों को उनके पास ही सुरक्षित वातावरण में देखभाल मुहैया कराना।”

अब एक महिला यह सोचकर नौकरी छोड़ने पर मजबूर नहीं होगी कि उसके बच्चे का क्या होगा। वह आत्मनिर्भर भी बनेगी और उसके बच्चे को भी बेहतर परवरिश मिलेगी।

क्रेच योजना - इस योजना का उद्देश्य क्या है?

  • कामकाजी महिलाओं को सहयोग देना, ताकि वे बच्चों की देखभाल की चिंता किए बिना नौकरी जारी रख सकें।

  • महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी बढ़ाना, ताकि देश में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिले।

  • सुरक्षित, भरोसेमंद और गुणवत्तापूर्ण बाल देखभाल सेवा उपलब्ध कराना।

  • निजी और सरकारी साझेदारी के माध्यम से क्रेचों की संख्या बढ़ाना।

क्रेच योजना - क्या है योजना की खास बातें?

   क्रेच योजना 2025 को सरकार ने इस तरह से डिज़ाइन किया है कि यह सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि कामकाजी महिलाओं के लिए एक भरोसेमंद सहारा बने। आइए जानते हैं इस योजना की मुख्य विशेषताएं:

  • नेशनल मिनिमम स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल जारी किया गया है ताकि हर क्रेच में समान गुणवत्ता की सेवाएं मिल सकें।

  • क्रेचों के संचालन के लिए निजी उद्योग, संस्थाएं, NGOs, यूनिवर्सिटी, अस्पताल, यूनिसेफ जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से सहयोग लिया जा रहा है।

  • Public-Private Partnership (PPP) मॉडल पर आधारित योजना होगी।

  • महिलाओं को उनके कार्यस्थल के पास ही सरकारी मदद से चलने वाला सुरक्षित क्रेच मिलेगा।

क्रेच योजना - किन महिलाओं को होगा सीधा फायदा?

क्रेच योजना 2025 विशेष रूप से उन कामकाजी महिलाओं के लिए बनाई गई है, जो छोटे बच्चों की देखभाल की चिंता के कारण या तो काम छोड़ देती हैं या करियर में आगे नहीं बढ़ पातीं। यह योजना उनके लिए समर्पित सहारा बनकर सामने आ रही है।

  • निजी और सरकारी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं

     

  • फैक्ट्री, अस्पताल, बैंक, यूनिवर्सिटी जैसी जगहों पर कार्यरत महिलाएं

     

  • विशेष रूप से उन महिलाओं को जिनके छोटे बच्चे हैं और जिन्हें काम के दौरान बच्चों की देखभाल की चिंता रहती है।

यहां अपना शीर्षक टेक्स्ट जोड़ें

1. सभी जिलों में चरणबद्ध विस्तार

सरकार की मंशा है कि अगले 2–3 वर्षों में हर ज़िले में कम से कम एक मॉडल क्रेच केंद्र स्थापित किया जाए। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से हर औद्योगिक क्षेत्र, सरकारी दफ्तर, और शिक्षण संस्थान में क्रेच सुविधा विकसित की जाएगी।

2. मोबाइल क्रेच की शुरुआत

ग्रामीण क्षेत्रों, निर्माण स्थलों या अस्थायी कार्यस्थलों पर काम करने वाली महिलाओं के लिए सरकार मोबाइल क्रेच सुविधा लाने पर भी विचार कर रही है। ये क्रेच वैन की तरह चलेंगे और जहां ज़रूरत हो वहां अस्थायी रूप से बच्चों की देखभाल करेंगे।

3. क्रेच स्टाफ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

हर क्रेच में प्रशिक्षित देखभालकर्ता (Caregivers) की नियुक्ति के लिए सरकार विशेष सर्टिफाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करेगी, ताकि बच्चों की देखभाल में कोई कमी न रह जाए।

4. निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन

सरकार निजी कंपनियों को कर छूट (Tax Benefit), CSR स्कोर, या अन्य रियायतें देकर प्रोत्साहित करेगी कि वे अपने संस्थानों में क्रेच स्थापित करें या सरकारी प्रयासों में भागीदार बनें।

5. ट्रैकिंग और मूल्यांकन प्रणाली

भविष्य में हर क्रेच को डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा ताकि:

  • बच्चों की उपस्थिति, पोषण, स्वास्थ्य और गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके

  • माता-पिता को मोबाइल ऐप के जरिए अपडेट मिल सके

  • योजना के क्रियान्वयन की पारदर्शिता बनी रहे

6. अन्य सरकारी योजनाओं से एकीकरण

क्रेच योजना को सुकन्या समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, और मिशन शक्ति जैसी योजनाओं से जोड़ा जाएगा ताकि एक महिला को स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक मदद एक साथ मिल सके।

क्रेच योजना FAQ
प्रश्न 1: क्रेच योजना क्या है?
उत्तर: यह एक सरकारी योजना है जिसके तहत कार्यस्थलों के पास बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच (Day Care Centre) बनाए जाएंगे, ताकि कामकाजी महिलाएं अपने छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतामुक्त होकर काम कर सकें।
प्रश्न 2: किन महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा?
उत्तर: निजी कंपनियों, फैक्ट्रियों, स्कूलों, अस्पतालों और सरकारी संस्थानों में काम करने वाली सभी महिलाएं जिनके छोटे बच्चे हैं, इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
प्रश्न 3: क्या क्रेच सेवा मुफ्त होगी?
उत्तर: कुछ सरकारी क्रेच निशुल्क होंगे, जबकि कुछ में मामूली शुल्क लिया जा सकता है, जो कि बहुत ही किफायती होगा।
प्रश्न 4: क्या यह योजना ग्रामीण इलाकों में भी लागू होगी?
उत्तर: हां, सरकार की योजना है कि आने वाले समय में क्रेच व्यवस्था को छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों तक भी विस्तार दिया जाए, खासकर उन इलाकों में जहां महिलाएं खेतों, फैक्ट्रियों या निर्माण स्थलों पर काम करती हैं।
प्रश्न 5: क्रेच में क्या-क्या सुविधाएं होंगी?
उत्तर: हर क्रेच में बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण, पोषणयुक्त भोजन, प्रशिक्षित देखभालकर्ता, खेल-कूद की व्यवस्था और शुरुआती शिक्षा देने का प्रावधान होगा।

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